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Showing posts from September, 2013

ख़वाब

देखा था जो ख़वाब  वोह बड़ा ही हसीं था  तू थी मेरे साथ  वोह पल बड़ा खुशनसीब था ।  जैसे ही जागे थे उस हसीं ख़वाब से ना थी तू क़रीब वोह ख़वाब बड़ा ही बदतमीज़ था ।

'मैं'

टूटता हूँ बिख़र जाता हूँ रोज़ सुबह उठकर  फ़िर से वोही मैं वोही 'मैं' बन जाता हूँ| ना सोता हूँ ना ही जाग पाता हूँ फ़िर से सपनो में कहीं खो सा जाता हूँ | ना भटक़ पाता हूँ ना मंज़िल तक पहुँच पाता हूँ बस इन्ही अनजान राहों में कुछ गुम सा हो जाता हूँ | सोचना क्या है बस यही तोह भूल जाता हूँ  खुदही में 'खुद' को दूंढ़ नहीं पाता हूँ |

Don't Wake Me

Take my sight Take my dreams Take my soul Till I breathe. Take my spirit Take my path Don't Wake me up Until I'm dead. Take my heart Take my love Don't Tell me How to hate again..