देखा था जो ख़वाब वोह बड़ा ही हसीं था तू थी मेरे साथ वोह पल बड़ा खुशनसीब था । जैसे ही जागे थे उस हसीं ख़वाब से ना थी तू क़रीब वोह ख़वाब बड़ा ही बदतमीज़ था ।
टूटता हूँ बिख़र जाता हूँ रोज़ सुबह उठकर फ़िर से वोही मैं वोही 'मैं' बन जाता हूँ| ना सोता हूँ ना ही जाग पाता हूँ फ़िर से सपनो में कहीं खो सा जाता हूँ | ना भटक़ पाता हूँ ना मंज़िल तक पहुँच पाता हूँ बस इन्ही अनजान राहों में कुछ गुम सा हो जाता हूँ | सोचना क्या है बस यही तोह भूल जाता हूँ खुदही में 'खुद' को दूंढ़ नहीं पाता हूँ |
Take my sight Take my dreams Take my soul Till I breathe. Take my spirit Take my path Don't Wake me up Until I'm dead. Take my heart Take my love Don't Tell me How to hate again..